★अलसस्य कुतो विद्या ,अविद्यस्य कुतो धनम्।
अधनस्य कुतो मित्रम् ,अमित्रस्य कुतः सुखम् ॥
आलसी इन्सान को विद्या कहाँ ? विद्याविहीन को धन कहाँ ? धनविहीन को मित्र कहाँ ? और मित्रविहीन को सुख कहाँ ?
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★अलसस्य कुतो विद्या ,अविद्यस्य कुतो धनम्।
अधनस्य कुतो मित्रम् ,अमित्रस्य कुतः सुखम् ॥
आलसी इन्सान को विद्या कहाँ ? विद्याविहीन को धन कहाँ ? धनविहीन को मित्र कहाँ ? और मित्रविहीन को सुख कहाँ ?
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